Monday, May 30, 2011

~ Maa ~


कुछ भी रूखा सूखा मुझे खिला, मां भूखे पेट सो जाएगी
मेरी नींदों में शहद घोल उन्हें मीठा बनाने को,
बनिए से शहद ले,  बदले में अपनी पाजेब गिरवी रख आयेगी
बचपन में बहुत धोये गंदे कपडे  मेरे, आज भी मुझे वो उतना ही मांझती है         
आज भी टूटे बटनों को और टूटे  सपनो को,  ममता की सुई से टांकती है 
सारे मन्दिर गिरजे, गुरूद्वारे और मस्जिद उसके आगे सर झुकाते है 
देवता भी उसकी पाँव की धूलि पाने को, उसके आँगन कतार लगाते हैं
उसकी गोद से ही च्यवन ऋषि जड़ी बूटियाँ तोड़ ले जाते हैं 
उसी की गोद में क्यों आती है गहरी नींद, ये सोच सब हैरान हो जातें  हैं 
वो अचार रोटी भी देती है तो लगता है छप्पन भोग सा  
उसका दिया हर निवाला मुहं लग जाता एक रोग सा
वही एक है जो अपाहिज औलाद को और ज्यादा दुलार देती है 
हर बच्चे की नींद के लिए न जाने कितनी करवटें लेती है  
मैं कहीं भी रहूँ , मेरी माँ मेरी उम्र बढ़ाएगी 
अपनी दुवाओं दवाओं से मेरे मिनट में घंटों
घंटो से दिन और दिन से सालों का इजाफा कराएगी 
मैं कितना ही बड़ा क्यूँ न बन जाऊं 
मेरी माँ मुझे डपट लगा फिर से बौना बनाएगी   
मेरी मां फिर से मुझे पालने में झुला,  मीठी लोरी सुनाएगी     


A Mother Is Not Just A Mother, She's  A Phenomenon.
Dedicated To All The Mothers On This Mothers Day......

Friday, May 27, 2011

Ti, Marathi Mulgi aste..


college मध्ये मुली jeans घलुन येतात,
पण जि jeans बरोबर पायात पैजण घालते,
ती मुलगी मराठी असते.

कंपनीमधे अनेक मुली असतात,
पण वात्रटपणा केल्यावए, कानाखाली वाजवते
ती मुलगी मराठी असते...

कॉलेजमधे अनेक मुली असतात
स्वतःच्या नोट्स सहज, दुसरयाला देते
ती मुलगी मराठी असते...

शॉपींगलाही अनेक मुली जातात
खर्चाचा विचार करुन फ़क्त, कानातलं घेऊन येते....
ती मुलगी मराठी असते ...